Classroom Learning

एक शर्मीले छात्र की कहानी

कक्षा में एक या एक से ज्यादा बच्चे होते हैं जो कि अपने शर्मीले व्यक्तित्व की वजह से कक्षा में भाग नहीं ले पातें हैं| इस तरह के बच्चों की प्रतिभागिता बढाने के लिए एक अध्यापक/अध्यापिका को क्या करना चाहिए? आइयें जानते हैं रोहन की अध्यापिका ने क्या किया l रोहन अपनी कक्षा में बहुत शांत रहता था, वह टीचर के पूछने के बाद भी उत्तर बहुत मुश्किल से देता था| उसकी टीचर ने सोचा आखिर रोहन ऐसा क्यों है, वह कक्षा की गतिविधियों में क्यों भाग नहीं लेता हैं l उसकी टीचर ने उसके माता पिता से बात की, माता-पिता से बात करते वक्त पता चला की उसके माता-पिता भी इस व्यहार से काफी परेशान और चिंतित हैं l उन्होंने ने तो रोहन को डॉक्टर को भी दिखाया और मनोवैज्ञानिक से भी सलाह ली लेकिन कोई भी हल नहीं निकला l रोहन की टीचर ने सोच लिया कि वह जान कर रहेंगी आखिर क्यों रोहन ऐसे चुप चुप रहता है l उन्होंने एक गतिविधि का आयोजन कियां अपनी कक्षा में, जिसमें सभी बच्चों एक अच्छी और एक बुरी बात लिख कर मैडम को बताना था, वह कुछ भी हो सकता है उनके दैनिक जीवन से सम्बंधित, या उनकी पसंद नापसंद l

सभी बच्चों ने अपना-अपना अनुभव लिखा और अपनी टीचर को जमा कर दिया l टीचर ने तो यह सब रोहन के लिए किया था तो उन्होंने रोहन का अनुभव बहुत ही ध्यान से पढ़ा l रोहन का अनुभव देखने के बाद टीचर को समझा आया की रोहन ऐसा क्यों हैं l  रोहन ने लिखा था 'मेरे माता पिता बहुत लड़ाई करते हैं जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं' l मै बिल्कुल नहीं चाहता हूँ कि वो आपस में लड़ाई करें l  'मेरी दादी भी हमारे साथ रहती है लेकिन वह भी कभी उन्हें चुप नहीं कराती हैं l

यह  सब पढने के बाद टीचर को समझ आ गया था कि यह सब इसी कारण से हैं l टीचर ने रोहन के माता-पिता को बुलाया और उन्हें समझाया की रोहन पर इन बातो का असर हुआ और आप लोगो को ध्यान रखना चाहिए इसका| रोहन के माता पिता ने माना की यह गलती तो हुई है और आगे से वह इस बात का ध्यान रखेंगे l

इस तरह से हमने देखा कि हर Shy बच्चें के Shy होने के पीछे कोई ना कोई वजह जरुर होती है, जरूरत है तो उस वजह को जानने की l रोहन की टीचर ने बहुत ही समझदारी से रोहन को पता भी नहीं लगने दिया की वह गतिविधि उसके लिए ही थी और उसके शांत रहने का कारण भी खोज लिया l हमें भी कोशिश करना चाहिए कि हम बच्चे से सीधा बात ना करके किसी गतिविधि के द्वारा उनके इस व्यवहार के पीछे का कारण जान ने की कोशिश करनी चाहिए l

कुछ सुझाव इस तरह के बच्चों को पढ़ाने का:

- हमें सबसे पहले वजह जान ने की कोशिश करनी चाहिए जैसा की रोहन की टीचर ने किया  
- इन बच्चों को बहुत डाटना या मार कर नहीं पढाना चाहिए ऐसा करने से बच्चे आपकी  कक्षा में कभी भाग नहीं ले पाएंगे 
- इन बच्चों के साथ जितना हो सके उतना प्यार से पढाना चाहिए 
- इन बच्चों को गतिविधि में लीड लेने देना चाहिए ताकि इनकी प्रतिभागिता और ज्यादा हो सके

About the author

Monika Yadav is working in Pratham Education Foundation and works on aspects of teacher suppoort management for the teacher capacity development portal: Gurushala. Any views expressed are personal.

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