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विलुप्त हो रहे जानवर
विलुप्त होने की कगार पर खड़े इन जीवों की ये शायद आखिरी तस्वीर हो
हममें से ज़्यादातर लोगों को विलुप्त होती प्रजातियों के बारे में कोई अंदाज़ा नहीं होता और ईमानदारी से कहा जाए तो हमें फ़र्क भी नहीं पड़ता लेकिन टिम फ्लैच नाम के एक ब्रिटिश फ़ोटोग्राफ़र को फ़र्क पड़ता है और यही कारण है कि वो पिछले दो सालों से दुनिया के विलुप्त होते जीवों की तस्वीरें ले रहे हैं और हमें लगातार याद दिला रहे हैं कि इंसानों की लापरवाही के चलते कैसे धरती से कई खूबसूरत जीव गायब हो रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ frogpitara.com
Gurushala | 22 Jun 2021
विभाजन के बाद क्या हुआ?
मैं और विभाजन
15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत और पाकिस्तान कानूनी तौर पर दो स्वतंत्र राष्ट्र बने। लेकिन पाकिस्तान की सत्ता परिवर्तन की रस्में 14 अगस्त को कराची में की गईं ताकि आखिरी ब्रिटिश वाइसराॅय लुइस माउंटबैटन, करांची और नई दिल्ली दोनों जगह की रस्मों में हिस्सा ले सके। इसलिए पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त और भारत में 15 अगस्त को मनाया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ www.navodayatimes.in
Gurushala | 17 Jun 2021
देश की आजादी से पहले
आजादी से पहले वाले भारत की दुर्लभ तस्वीरें
आजादी से पहले वाला भारत कैसा दिखता था, कौन कैसे जीता था, यह सब जानने के लिए और देखने का मन हर किसी का होता है। आज हम आपके लिए 15 ऐसी तस्वीरें लेकर आए हैं, जो बीते भारत के दौर की झलक है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ m.dailyhunt.in
Gurushala | 17 Jun 2021
मोतियों का शहर
हैदराबाद: मोतियों और निज़ामों का शहर
हैदराबाद आंध्रप्रदेश की खूबसूरत राजधानी है।इसे मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने बनवाया था और अपनी प्रेमिका भागमती के नाम पर हैदरा बाद का नाम 'भाग्य नगर' रखा था। जब भागमती का नाम 'हैदरी बेगम' पड़ा तो भाग्यनगर नाम बदलकर 'हैदराबाद' हो गया। तब से हैदराबाद को इसी नाम से जाना जाता है। हैदराबाद को बेहतरीन 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है।अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hindi.nativeplanet.com
Gurushala | 16 Jun 2021
भारत का गुलाबी शहर
पिंक सिटी: जयपुर
के नाम से मशहूर जयपुर भारत का एक खूबसूरत पुराना शहर है जो समृद्ध वास्तुकला विरासत का अद्भुत नमूना है। जयपुर में आपकी यात्रा के दौरान कुछ ऐसी ही विरासत देखने को मिलेंगी। यहां राजसी इमारतें, वीरता की लड़ाइयों के किस्से, शानदार किले और महलों को देखने का अनुभव अलग ही होता है। सच तो यह है कि जयपुर में आपकी यात्रा के दौरान घूमने के लिए दो या चार नहीं बल्कि कई खूबसूरत जगहें हैं। पिंक सिटी में आप हवा महल, सिटी पैलेस, आमेर फोर्ट जैसे मशहूर पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। यहां पहुंकर आप खरीददारी का अच्छा अनुभव हासिल कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ Hindi.holidayrider.com
Gurushala | 16 Jun 2021
उगते सूरज वाला प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश
भारत के एक ऐसा सुंदर राज्य है जो सुरम्य पहाड़ों, दर्रे, शांत झीलें और प्रसिद्ध मठों से भरा हुआ है। अगर आप छुट्टी मनाने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश में हैं तो आपको अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों की सैर करने के लिए जरुर जाना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश दक्षिण में असम, पश्चिम में भूटान , उत्तर में चीन द्वारा और उत्तर-पूर्व में म्यांमार द्वारा इसे “भारत के ऑर्किड राज्य” या “बोटनिस्ट्स का स्वर्ग” के रूप में जाना जाता है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ Hindi.holidayrider.com
Gurushala | 16 Jun 2021
भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य
असम राज्य
असम पूर्वोत्तर भारत में ब्रह्मपुत्र और बराक नदी घाटियों के साथ पूर्वी हिमालय के दक्षिण में स्थित एक राज्य है जो 78,438 किमी 2 (30,285 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता है। असम का नाम आसमा शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ अब विलुप्त हो चुकी अहोम भाषा में “पीयरलेस” है। यह राज्य अपनी सीमा उत्तर में भूटान और अरुणाचल प्रदेश पूर्व में नागालैंड और मणिपुर; दक्षिण में त्रिपुरा, मिजोरम और बांग्लादेश; जबकि पश्चिम में बांग्लादेश और मेघालय और पश्चिम बंगाल से साझा करता है। असम सबसे जाड्या अपनी चाय और रेशम उत्पादन के लिए जाना जाता है। यह राज्य एशिया में तेल ड्रिलिंग के लिए पहला स्थल भी था। असम एक सींग वाले भारतीय गैंडों का घर है, जिन्हें काजीरंगा नेशनल पार्क में देखा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ Hindi.holidayrider.com
Gurushala | 16 Jun 2021
देश के वैज्ञानिक और उनके आविष्कार
भारत के शीर्ष वैज्ञानिक
सीवी रामन से लेकर सलीम अली तक सभी भारतीय वैज्ञानिकों और उनकी खोजों ने भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में अपना अलग-अलग महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें भौतिक विज्ञान, चिकित्सा, गणित, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान के लिए हमेशा-हमेशा याद किया जाएगा. इनमें से कई वैज्ञानिकों ने तो दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों तक अपने योगदान से नाम कमाया है. आइये जानें ऐसे कुछ खास भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जिनका योगदान कहीं न कहीं हम सभी के जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होता है।
Gurushala | 14 Jun 2021
इतिहास की दुर्लभ तस्वीरें
इतिहास को बयां करती अतीत की 20 दुर्लभ तस्वीरें
इतिहास हमेशा कुछ ना कुछ बयां करता है और याद दिलाता है हमें हमारें अतीत की, जो हम भूल चुके है। सदियों से इतिहास बदलते वक़्त का गवाह बना है। इतिहास की किताबों के हर पन्नों को पलटते ही कुछ ऐसा पाते है जिनके बारें में सोचकर हम उस समय की बातों में खो जाते है और उसकी एक धुंधली सी तस्वीर हमारी आखों के सामने आने लगती है। और हम एक अतीत में खो जाते है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ http://www.frogpitara.com
Gurushala | 11 Jun 2021
भारत के महान क्रन्तिकारी
भारत के प्रमुख क्रन्तिकारी
भारत को आजादी यूं ही नहीं मिली। जिस स्वतंत्र भारत में आज हम सांस ले रहे हैं, उसे परतंत्रता की जंजीरों से मुक्त कराने में न जाने कितने लोगों ने अपने प्राण न्योछावर किए, सीने पर गोलियां खाईं और फांसी के फंदे को गले लगाकर अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
इसके साथ-साथ कई क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों की मेहनत, बलिदान, त्याग और तपस्या का परिणाम है, जो आज हम सब आजाद भारत में जी रहे हैं। इनकी मेहनत के बगैर आजादी मिलनी शायद मुश्किल थी।
अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ www.gyanipandit.com
Gurushala | 11 Jun 2021
भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी
हम सबको पता है कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और इस आजादी पर हम सब भारतवासी को बहुत गर्व है. हर साल की तरह हम इस साल भी 15 अगस्त को झंडा फेहरायेंगे और 2-4 देशभक्ति गीत गाकर घर आ जायेगें. हमारी आजादी उन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से है, जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. इन महान हस्तियों को हम बदले में कुछ नहीं दे सकते है, लेकिन कम से कम हम उन्हें इस आजादी के दिन याद तो कर सकते है, उनके बारे में जान तो सकते है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ www.deepawali.co.in
Gurushala | 11 Jun 2021
अहमदनगर का किला
किला या जेल?
अहमदनगर किला महाराष्ट्र के अहमदनगर के पास भिंगर नदी पर स्थित एक किला है,[1] जिसका निर्माण १५ वीं और १६ वीं शताब्दी के दौरान, निजाम शाही वंश के पहले सुल्तान मलिक अहमद ने करवाया था। इसे ब्रिटिश राज के दौरान जेल के रूप में इस्तेमाल किया गया था। वर्तमान में, किला भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर के प्रशासन के अधीन है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hi.wikipedia.org
Gurushala | 05 Jun 2021
सिन्धु घाटी सभ्यता
हड़प्पा सभ्यता
7वीं शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने पंजाब प्रान्त में ईंटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहाँ से बनी बनाई ईंटें मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बन्धुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेण्डर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की गयी।
Gurushala | 05 Jun 2021
व्यापार से साम्राज्य तक
प्राचीन युग में व्यापर की शुरुआत
भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि भारत का पाश्चात्य जगत विशेषकर रोम के साथ घनिष्ठ वाणिज्यिक संबंध ईस्वी सन् के प्रारंभ के लगभग आरंभ हुआ। पाम्पेई नगर की खुदाई में भारतीय शैली में निर्मित हाथीदाँत की बनी यक्षिणी की एक मूर्ति मिली है, जिसका काल ईसा पूर्व दूसरी शती माना जाता है। उपलब्ध साहित्यिक एवं पुरातात्विक प्रमाणों से पता चलता है, कि आगस्टन काल (ई.पू.27-14) में उत्तर-पश्चिम तथा भारतीय उपमहाद्वीप के प्रायद्वीपय क्षेत्रों, दोनों के साथ रोम का व्यापारिक संबंध विकसित हो गया था। ये आर्थिक गतिविधियाँ ईसा की प्रथम दो शताब्दियों तक तेज हो गयी तथा आगामी सदियों में भी कुछ कम मात्रा में चलती रही, जबकि शक, पह्लव, कुषाणों के अधीन उत्तर भारत का व्यापार स्थल मार्ग से होता था तथा वाणिज्य मुख्यतः परिवहन व्यापार जैसा था। भारत के दक्षिणी क्षेत्रों तथा रोम के बीच व्यापार सीमान्त प्रकृति का था। इस व्यापार में रोमन प्रजा तथा भारतीय व्यापारियों दोनों ने गहरी अभिरुचि ली तथा उन्हें अपने शासकों से भी सहायता प्राप्त हुयी, क्योंकि उन्हें भी इससे प्रभूत लाभ मिलता था। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ indiaolddays.com
Gurushala | 05 Jun 2021
भारत की अजीबोगरीब प्रथाएं
भारत में प्रचलित प्रथाएं
भारत, दुनिया की सबसे पुरानी और शहरी सभ्यता अर्थात सिंधु घाटी सभ्यता का देश है। इसलिए, प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत तक भारतीय समाज में विभिन्न संप्रदायों, रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और संप्रदायों का उद्भव एवं रूपांतरण होता रहा है। इनमें से कई संप्रदायों और रिवाजों का आधार धार्मिक और सामाजिक था। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ knowledgekahub.com
Gurushala | 05 Jun 2021
महात्मा गांधी के आंदोलन
जिन्होंने दिलाई भारत को आजादी
मोहनदास करमचन्द गांधी (जन्म: 2 अक्टूबर 1869 - निधन: 30 जनवरी 1948) जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hi.wikipedia.org
Gurushala | 05 Jun 2021
भारत के प्रसिद्ध समाज सुधारक
प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक सुधारक
सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में भारतीय सामाजिक सुधारकों ने सफलतापूर्वक योगदान दिया है। जहां कुछ प्रतिष्ठित हस्तियों ने महिला शिक्षा के लिए अपना समर्थन दिया, वहीं कुछ भारतीय समाज सुधारकों ने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया। भारत में सुधारकों ने बिना किसी पूर्वाग्रह के बेहतर राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम किया है।
भारत में, समाज और धर्म परस्पर जुड़े हुए हैं। इसलिए धार्मिक बुराइयों, जैसे अंधविश्वास, अंध विश्वास और अन्य लोगों ने समाज को बार-बार प्रभावित किया है। धर्मगुरुओं के साथ-साथ भारतीय समाज सुधारकों ने भी इस तरह के प्रचलित रिवाजों से लोगों को मुक्त करने का प्रयास किया। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से प्रभावित होकर, उन्होंने जनता को शिक्षित करने के लिए सरल तरीके अपनाए हैं। बोलचाल की भाषा में गीत, कविता, नैतिक कथाएँ, सामुदायिक कार्यों का आयोजन और अन्य कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें भारतीय समाज सुधारकों ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए लागू किया है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hindi.gktoday.in
Gurushala | 05 Jun 2021
भारत में मौजूद सबसे विचित्र और रहस्यमयी जगहें
भारत में घूमने के लिए सबसे रहस्यमय स्थान
रहस्य- शब्द ही एक ऐसा शब्द जिसे सुनकर आप उसके बारे सोचने पर मजबूर हो जाते है। इस बात से कोई इंकार नही कर सकता है कि आप किसी रहस्यमयी जगह के बारे में सुनते है तो आप उस स्थान के रहस्य के बारे में जानने या वहां घूमने के लिए और अधिक उत्साहित हो जाते हैं और आप उन स्थानों के बारे खोज करने लगते है। प्रकृति के कुछ इन रहस्यमयी स्थानों ने मानव को अचंभित कर दिया है, कि यह क्यों और केसे हो सकता है। वैज्ञानिक लगातार इन रहस्यमयी स्थानों के बारे में खोज करने का काम कर रहे है। देखा जाये तो भारत में कई ऐसे रहस्यमयी जगहे भी है, जो वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बनी हुई है। जहां अधिक से अधिक लोग जाकर उन रहस्यमयी स्थानों को घूमना व उन जगह के बारे में जानना चाहते है।
भारत की कुछ ऐसी रहस्यमयी स्थान भी है जो आपको बिलकुल ही अचंभित करने वाली हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hindi.holidayrider.com
Gurushala | 29 May 2021
कीटभक्षी पौधे
शिकारी पौधे
कीटाहारी जंतुओं की भाँति कुछ पौधे भी कीटाहारी होते हैं। उन्हें मांसाहारी पादप (Carnivorous plant) कहते हैं। कीटाहारी पौधों की कुल ४०० जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से प्राय: ३० जातियाँ भारत में पाई जाती हैं। ये पौधे ऐसे स्थानों पर पनपते हैं जहाँ नाइट्रेट का अभाव रहता हैं, अथवा वे जमीन के नाइट्रोजन को उपयोग में लाने में असमर्थ होते हैं। जीवन के लिए प्रोटीन, अत्यंत आवश्यक है और इसे प्राप्त करने के लिए पौधों को नाइट्रोजन मिलना चाहिए। नाइट्रोजन के लिए ये पौधे निकट आनेवाले कीड़ों का भक्षण करते हैं। ऐसे कुछ पौधे निम्नलिखित है।
Gurushala | 29 May 2021
जलियाँवाला बाग: एक जघन्य हत्याकाण्ड
जलियांवाला बाग नरसंहार
13 अप्रैल 1919 को बैसाखी का दिन था। बैसाखी वैसे तो पूरे भारत का एक प्रमुख त्योहार है परंतु विशेषकर पंजाब और हरियाणा के किसान सर्दियों की रबी की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं। इसी दिन, 13 अप्रैल 1699 को दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। अधुक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ hi.wikipedia.org
Gurushala | 29 May 2021