History

व्यापार से साम्राज्य तक

By Gurushala
 | 05 Jun 2021

प्राचीन युग में व्यापर की शुरुआत

भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि भारत का पाश्चात्य जगत विशेषकर रोम के साथ घनिष्ठ वाणिज्यिक संबंध ईस्वी सन् के प्रारंभ के लगभग आरंभ हुआ। पाम्पेई नगर की खुदाई में भारतीय शैली में निर्मित हाथीदाँत की बनी यक्षिणी की एक मूर्ति मिली है, जिसका काल ईसा पूर्व दूसरी शती माना जाता है। उपलब्ध साहित्यिक एवं पुरातात्विक प्रमाणों से पता चलता है, कि आगस्टन काल (ई.पू.27-14) में उत्तर-पश्चिम तथा भारतीय उपमहाद्वीप के प्रायद्वीपय क्षेत्रों, दोनों के साथ रोम का व्यापारिक संबंध विकसित हो गया था। ये आर्थिक गतिविधियाँ ईसा की प्रथम दो शताब्दियों तक तेज हो गयी तथा आगामी सदियों में भी कुछ कम मात्रा में चलती रही, जबकि शक, पह्लव, कुषाणों के अधीन उत्तर भारत का व्यापार स्थल मार्ग से होता था तथा वाणिज्य मुख्यतः परिवहन व्यापार जैसा था। भारत के दक्षिणी क्षेत्रों तथा रोम के बीच व्यापार सीमान्त प्रकृति का था। इस व्यापार में रोमन प्रजा तथा भारतीय व्यापारियों दोनों ने गहरी अभिरुचि ली तथा उन्हें अपने शासकों से भी सहायता प्राप्त हुयी, क्योंकि उन्हें भी इससे प्रभूत लाभ मिलता था। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ indiaolddays.com

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Comments

Vishwajeet Suryakant Shete

4 year ago

very nice

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