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भविष्य में आने वाली सुपर तकनीक
फ्यूचर टेक्नोलॉजी
आज के समय में हम चारों तरफ से टेक्नोलॉजी से घीरे हुए है लेकिन फिर भी टेक्नोलॉजी निरंतर अपडेटस होती रहती है ताकि तकनीक को जितना ज्यादा बेहतर हो सके उतना बेहतर बनाया जाए. और ये रेस इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है कि रोजाना एक नयी और इंटरेस्टिंग टेक्नोलॉजी सामने आ रही है. यही वजह है कि जो चीजें हमें आज से 5 – 7 साल पहले इम्पॉसिबल लगती थी, वे सब आज हम इस्तेमाल कर रहे है और जो चीजें आज हमे इम्पॉसिबल लग रही है वो जल्द ही हमारे सामने होंगी। Source: www.jagrantoday.com
Gurushala | 24 Mar 2022
इतने छोटे जीव आपने कभी नहीं देखे होंगे
दुनिया के सबसे छोटे जीव
शेर, चीता, भालू, हाथी जैसे कई बड़े जानवर तो सभी ने देखे हैं और इनके बारे में सुना है। लेकिन क्या ऐसे जानवर देखे हैं जिनकी लंबाई और ऊंचाई को इंच में मापा जा सकता है। यदि नहीं तो बता दें कि दुनिया में ऐसे जानवर भी हैं जो अपने वास्तविक आकार से बेहद छोटे हैं। Source: https://www.roshandaan.com/smallest-animal-in-the-world/
Gurushala | 11 Mar 2022
भारत: राष्ट्रीय प्रतीक
राष्ट्रीय प्रतीक अर्थात भारत की राष्ट्रीय पहचान
किसी भी राष्ट्र का राष्ट्रीय प्रतीक उस राष्ट्र की पहचान होती हैं, राष्ट्रीय प्रतीक अपने आप में किसी भी देश की परिभाषा,सभ्यता,मान्यता व संस्कृति को दर्शाता हैं. भारत के सभी राष्ट्रीय प्रतीक भारत की पहचान को बतलाती हैं और इसकी जानकारी भारत के हर नागरिक को होनी ही चाहिए। Source: www.studypointandcareer.com
Gurushala | 09 Mar 2022
तरंग किसे कहते हैं
तरंग की परिभाषा
तरंग (Wave) का अर्थ होता है - 'लहर'। भौतिकी में तरंग का अभिप्राय अधिक व्यापक होता है जहां यह कई प्रकार के कंपन या दोलन को व्यक्त करता है। इसके अन्तर्गत यांत्रिक, विद्युतचुम्बकीय, ऊष्मीय इत्यादि कई प्रकार की तरंग-गति का अध्ययन किया जाता है।
तरंगों के द्वारा ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। Source:
Gurushala | 14 Feb 2022
सबसे प्रदूषित झीलें
विश्व प्रसिद्ध सबसे प्रदूषित झीलें
समुद्र हो या विशाल नदी या बहुत ऊंचा झरना, वॉटर बॉडी हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करती रहीं हैं। कभी लोग समुद्र के नीले रंग पर सर्फिंग करने जाते हैं तो कभी बहुत ऊंचाई से गिरने वाले झरने के शोर का आनंद उठाने। ये पानी का अलग-अलग रूप है, लेकिन रंग अमूमन एक ही होता है। ऐसे में अगर पानी का रंग ही अलग हो तो दुनिया भर पर्यटकों के लिए वह अपने आप आकर्षण का केंद्र बन जाता है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.jagran.com
Gurushala | 31 Jan 2022
विशालकाय आकाशगंगा
ब्रह्माण्ड क्या है?
ब्रह्माण्ड सम्पूर्ण समय और अंतरिक्ष और उसकी अंतर्वस्तु को कहते हैं जिसमे सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सिया, गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, अपरमाणविक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें
Gurushala | 12 Jan 2022
दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह
द डेडली बरमूडा ट्रायंगल
द डेडली ट्राएंगल, शैतानों का टापू आदि नामों से जाना जाने वाला बरमूडा ट्रायंगल पृथ्वी के सबसे रहस्मयी और हैरतंगेज स्थानों में से एक है. प्यूर्टोरिको, फ्लोरिडा और बरमूडा नामक तीन स्थानों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने वाला यह त्रिकोण अटलांटिक महासागर में अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है. एक लंबे समय से यह त्रिकोण वैज्ञानिकों और आम जन-मानस की उत्सुकता और जिज्ञासा का केन्द्र बना हुआ है, जिसका कारण यहां से गुजरने वाले समुद्री जहाजों और नावों का गायब हो जाना है। अधिक जानकारी के लिए यूआरएल पर जाएँ https://www.jagran.com/blogs/infotainment/triangle-deadly-bermuda
Gurushala | 29 Apr 2021
5 Least Populated Countries in the World
Population check!
On July 11, every year, the United Nations, along with UNDP (United Nations Development Programme), celebrated World Population Day to bring the focus and attention to the ever-growing population in the world. While the increasing population is one of the major concerns among the global organizations today, there are a few nations that have a minimal population, not even making it to 50,000 people. The United Nations has a list of recognized countries and observer states of the countries which are the smallest and least populated in the world. Here are 5 least populated countries.
Read the full list here
Gurushala | 07 Jan 2021
क्या भविष्य में साइबोर्ग बन जाएगा इंसान?
कैसे ये तकनीक बदल देगी मनुष्य के आने वाले कल की तस्वीर
हमारे इवोल्यूशन की शुरुआत एक छोटे से बैक्टीरिया से हुई थी। रेंडम नेचुरल सेलेक्शन की इस करोड़ों साल की प्रोसेस के कारण ही आज हम इंसान बन पाए हैं। आने वाले भविष्य में हमारी उन्नति कैसी होगी? उसका निर्णय भी नेचुरल सेलेक्शन के आधार पर ही होगा या शायद नही? इंसान आज उस मुहाने पर खड़ा है, जहां पर यह तय कर पाना मुश्किल हो गया है कि हमारी क्रमागत उन्नति का स्वरूप आगे कैसा होने वाला है? क्या अब हम रेंडम नेचुरल सेलेक्शन के आधार पर ही आगे बढ़ेंगे या इंसान यह खुद तय करेगा कि आने वाले भविष्य में उसका रंग, रूप, सोचने और समझने की शक्ति कैसी होगी? बायोलॉजी, फिजिक्स और तकनीक के क्षेत्र में ऐसी खोजें हो रही हैं, जो शायद हमें आगे भविष्य में साइबोर्ग बना दे। एलन मस्क की निजी कंपनी न्यूरालिंक इस क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में कई बड़ी खोजों को अंजाम दिया है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं क्या होते हैं साइबोर्ग और कैसे आने वाले वक्त में तकनीक हमारे स्वरूप को बदलने वाली है? Text source: www.amarujala.com
Gurushala | 24 Mar 2022
टेक्नोलॉजी और भविष्य
भविष्य की बेहतरीन तकनीक
जैसा की आप जनते ही होंगे टेक्नोलॉजी क्षेत्र दिन प्रतिदिन तरक्की करता जा रहा है रोजाना कोई ना कोई नई Technology launch की जा रही है। आने वाले समय में कुछ ऐसी technologies आएँगी जो दुनिया का भविष्य बदल देंगी। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही Top 10 Future Technologies के बारे में बताने वाले हैं जो हमारा भविष्य बदलने में सक्षम हैं। चलिये शुरू करते हैं-
टेक्नोलॉजी ने दुनिया को काफी प्रभावित किया है, आज इंसान तकनीकी के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है । हम चाहे कितनी भी कोशिश कर ले पर हमे जीवन के किसी न किसी phase मे technology का प्रयोग करना ही पड़ेगा । यहां तक कि सुबह से लेकर शाम तक, हम हर रोज इसका उपयोग करते हैं। Source: techchauraha.com
Gurushala | 14 Mar 2022
क्या टेक्नोलॉजी से काम आसान होगा?
सुपर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी
Technology ने हमारी दुनिया को बदल कर रख दिया है। लोगों की जीवनशैली को आसान बनाने के लिए प्रतिवर्ष नई-नई टेक्नोलॉजी आती रहती है। Technique एक ऐसा क्षेत्र है जहां हर वक्त नए-नए अविष्कार देखने को मिलते हैं। इस साल कैमरा तकनीक के साथ स्मार्टफोन की स्क्रीन में काफी बदलाव हुआ है। इसके अलावा इंटरनेट के क्षेत्र में भी काफी कुछ बदला है। बहुत जल्द 5G technology आने वाली है। Source: supportmeindia.com
Gurushala | 14 Mar 2022
भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन
यूरोपीय कंपनियों का भारत से लाभ
भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन (Bharat me European ka Aagman) का कालक्रम और महत्वपूर्ण घटनाएं, पुर्तगाली, ईस्ट इंडिया कंपनी, डच, फ्रांसीसी, डेनिश, आदि भारत में आए थे |
आधुनिक इतिहास के शुरुआत में हम पढ़ेंगे कि भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन कैसे हुआ ? कैसे हजारों किलोमीटर दूर ही रूप से विभिन्न कंपनियां भारत की तरफ आई और व्यापार के साथ यहां पर शासन में शामिल हो गई |विभिन्न यूरोपीय शक्तियों का भारत और दक्षिण एशिया की तरफ आने का शुरुआती उद्देश्य मसालों का व्यापार था, जिसकी यूरोप में बहुत मांग थी | Source: www.examtakhindi.com
Gurushala | 11 Mar 2022
ऋग्वैदिक काल
ऋग्वैदिक काल (1500-1000 ई.पू.)
इस काल की तिथि निर्धारण जितनी विवादास्पद रही है उतनी ही इस काल के लोगों के बारे में सटीक जानकारी। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि इस समय तक केवल इसी ग्रंथ (ऋग्वेद) की रचना हुई थी। मैक्स मूलर के अनुसार आर्य का मूल निवास मध्य ऐशिया है।आर्यो द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक काल कहलाई। आर्यो द्वारा विकसित सभ्य्ता ग्रामीण सभ्यता कहलायी। आर्यों की भाषा संस्कृत थी।
मैक्स मूलर ने जब अटकलबाजी करते हुए इसे 1200 ईसा पूर्व से आरंभ होता बताया था उसके समकालीन विद्वान डब्ल्यू. डी. ह्विटनी ने इसकी आलोचना की थी। उसके बाद मैक्स मूलर ने स्वीकार किया था कि " पृथ्वी पर कोई ऐसी शक्ति नहीं है जो निश्चित रूप से बता सके कि वैदिक मंत्रों की रचना 1000 ईसा पूर्व में हुई थी या कि 1500 ईसापूर्व में या 2000 या 3000 "। Source: hi.wikipedia.org
Gurushala | 11 Mar 2022
भारत के पड़ोसी देश
भारत के पड़ोसी देश
यदि हम भारत को भौगोलिक दृष्टि की नजर से देखेंगे तो यह विश्व में सातवाँ (रूस, कनाडा, चीन, अमरीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया के बाद) सबसे बड़ा देश है, और यदि हम जनसंख्या के दृष्टि से देखे तो यह चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है | भारत दक्षिण एशिया में उत्तरी गोलार्द में स्थित है जिसकी सीमा जमीनी और समुन्द्र के माध्यम से जुडती है जिसमे भारत के 10 प्रमुख पडोसी देश (neighbouring countries) है, जिसमें से भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यांमार (बर्मा) और उत्तर पश्चिम में अफगानिस्तान देश बसा हुआ हैं। यह भारतीय उपमहाद्वीप (Sub-Continent) में स्थित एक देश लोकतान्त्रिक देश (Democratic Country) है | Source: hindiraj.com
Gurushala | 11 Mar 2022
भारत का मानचित्र किसने बनाया था?
भारत के पहले मानचित्र का इतिहास
जैसा की ऐतिहासिक रूप से कई लोग भारत के पहले मानचित्र के निर्माण के संबंध में दावा कर चुके हैं, लेकिन इस प्रश्न का सटीक उत्तर देना एक कठिन काम है. इस लेख में हम तीन व्यक्तियों के नामों का उल्लेख कर रहे हैं जिन्होंने अलग-अलग कालखंड में भारत के मानचित्र का निर्माण किया था. Source: www.jagranjosh.com
Gurushala | 11 Mar 2022
मानव शरीर कैसे काम करता है?
मानव शारीरिकी
वयस्क मानव (स्त्री तथा पुरूष) के शरीर की संरचना (morphology) का वैज्ञानिक अध्ययन, मानव शरीर-रचना विज्ञान या मानव शारीरिकी (human anatomy) के अन्तर्गत किया जाता है।
मानव शरीर कई तन्त्रों से बना है। तंत्र, कई अंगों से मिलकर बनते हैं। अंग, भिन्न-भिन्न प्रकार के ऊतकों से बने होते हैं। ऊतक, कोशिकाओं से बने होते हैं। Source: hi.wikipedia.org
Gurushala | 11 Mar 2022
नोबेल पुरुस्कार की शुरुआत कैसे हुई?
जानिए क्या है नोबेल पुरस्कार और कब हुई इसकी शुरुआत
नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है। इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 10 लाख डालर की राशि प्रदान की जाती है। अल्फ्रेड नोबेल ने कुल 355 आविष्कार किए जिनमें [1867] में किया गया डायनामाइट का आविष्कार भी था। नोबेल को डायनामाइट तथा इस तरह के विज्ञान के अनेक आविष्कारों की विध्वंसक शक्ति की बखूबी समझ थी। साथ ही विकास के लिए निरंतर नए अनुसंधान की जरूरत का भी भरपूर अहसास था। दिसंबर १८९६ में मृत्यु के पूर्व अपनी विपुल संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया। उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी पाया जाए। स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। नोबेल फ़ाउंडेशन की स्थापना २९ जून १९०० को हुई तथा 1901 से नोबेल पुरस्कार दिया जाने लगा। Source: hi.wikipedia.org
Gurushala | 11 Mar 2022
प्राचीन भारत में आवागमन
भारत परंपरागत साधन
भारत में परिवहन में भूमि, जल और वायु द्वारा परिवहन शामिल है। सार्वजनिक परिवहन अधिकांश भारतीय नागरिकों के लिए सड़क परिवहन का प्राथमिक साधन है, और भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणालियाँ दुनिया में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली प्रणालियों में से हैं।
भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा और व्यस्ततम में से एक है, जो 2015 तक 8.225 अरब यात्रियों और सालाना 980 मिलियन टन से अधिक कार्गो का परिवहन करता है। 2020 तक, भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे व्यस्ततम रेल नेटवर्क है, जो सालाना 8.09 बिलियन यात्रियों और 1.20 बिलियन टन माल ढुलाई करता है।भारत में विमानन मोटे तौर पर सैन्य और नागरिक उड्डयन में विभाजित है जो दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता विमानन बाजार है (आईएटीए डेटा)। नदियों, नहरों, बैकवाटर और खाड़ियों के रूप में भारत का जलमार्ग नेटवर्क दुनिया का नौवां सबसे बड़ा जलमार्ग नेटवर्क है। भारत में जलमार्ग द्वारा माल ढुलाई का उपयोग बहुत कम है, अंतर्देशीय जलमार्गों द्वारा कुल माल ढुलाई (टन किलोमीटर में) भारत में कुल अंतर्देशीय यातायात का 0.1 प्रतिशत है।[4] कुल मिलाकर, लगभग २१ प्रतिशत घरों में दोपहिया वाहन हैं जबकि २०११ की जनगणना के अनुसार भारत में ४.७ प्रतिशत घरों में कार या वैन हैं। भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग वर्तमान में 4.6 मिलियन से अधिक वाहनों के वार्षिक उत्पादन के साथ तेजी से बढ़ रहा है, वार्षिक वृद्धि दर 10.5% के साथ और भविष्य में वाहन की मात्रा में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।
Gurushala | 11 Mar 2022
संधियाँ क्यों की गयीं
प्रमुख ऐतिहासिक संधियाँ
ऐतिहासिक भारत की बात करें तो यहाँ बहुत सारी रियासतें रही हैं। बहुत सारे राजा-महाराजों ने यहाँ राज किया है। जिनके मध्य अक्सर युद्ध होते रहते थे जिनका अंग्रेज़ों ने भरपूर फायदा उठाया। ब्रिटिशों की गुलामी से पहले राजपूतों, मराठों और मुसलामानों के बीच कई महत्वपूर्ण संधियाँ भी हुई। इनमे से अधिकतर संधियों का उद्देश्य दिल्ली सल्तनत पर शासन करना था। अंग्रेज़ों ने इन सब चीज़ों को ध्यान में रखकर “फूट डालो राज करो” की नीति अपनायी और देश पर अपना कब्ज़ा कर लिया था और सबसे लंबे समय तक भारत पर राज किया। आज के इस लेख में हम भारत के इतिहास की प्रमुख संधियों के बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं। Source: hindi.aglasem.com
Gurushala | 11 Mar 2022
भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण संधियाँ
भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण संधियाँ
ऐतिहासिक भारत की बात करें तो यहाँ बहुत सारी रियासतें रही हैं। बहुत सारे राजा-महाराजों ने यहाँ राज किया है। जिनके मध्य अक्सर युद्ध होते रहते थे जिनका अंग्रेज़ों ने भरपूर फायदा उठाया। ब्रिटिशों की गुलामी से पहले राजपूतों, मराठों और मुसलामानों के बीच कई महत्वपूर्ण संधियाँ भी हुई। इनमे से अधिकतर संधियों का उद्देश्य दिल्ली सल्तनत पर शासन करना था। अंग्रेज़ों ने इन सब चीज़ों को ध्यान में रखकर “फूट डालो राज करो” की नीति अपनायी और देश पर अपना कब्ज़ा कर लिया था और सबसे लंबे समय तक भारत पर राज किया। आज के इस लेख में हम भारत के इतिहास की प्रमुख संधियों के बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं। Source: hindi.aglasem.com
Gurushala | 11 Mar 2022