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लैगिक असमानता से क्या तात्पर्य है?
लैंगिक असमानता का आशय समाज में स्त्रियों एवं पुरुषों में भेदभाव किए जाने से है। लैंगिक असमानता का प्रयोग जैविकीय एवं सामाजिक दोनों भावो में किया जाता है। जीव विज्ञान में लिंग का आशय विशिष्ट जैविककीय संरचना से है। इसमें विशेष शारीरिक व मानसिक दशाओं का समावेश होता है।
समाजशास्त्र में स्त्री पुरुषों का अध्ययन सामाजिक संबंध की गहराई तक जानने हेतु किया जाता है। लिंगभेद सामाजिक सांस्कृतिक होता है। लैंगिक असमानता में स्त्री पुरुष का अध्ययन पति-पत्नी, माता पिता, पुत्र पुत्री, भाई बहन के रूप में सामाजिक सांस्कृतिक विचार से होता है। Source: sarkarifocus.com
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