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सोलर प्रोब प्लस और सौर कोरोना
इस स्पेसक्राफ्ट पार्कर प्रोब को भेजने के पीछे तीन प्रमुख उद्देश्य हैं. पहला, सूरज के तेजमंडल को ऊष्मा देने वाली और सोलर विंड चलाने वाली एनर्जी के बारे में जानना. दूसरा, सोलर विंड के स्रोत पर बनने वाली चुंबकीय क्षेत्र के पूरे विज्ञान और संरचना को समझना और तीसरा ऊर्जस्वित कणों के वेग और परिवहन के मैकेनिज्म के बारे में जानकारियां जुटाना. नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सब तभी संभव है जब सूरज के बहुत नज़दीक पहुंचकर अध्ययन किया जाए. पार्कर सोलर प्रोब को 7 साल के सफर में यानी 2025 तक सूरज के इर्द गिर्द अपनी 24 कक्षाओं में गुज़रना है, जिसमें से वह दो कक्षाओं का काम पूरा कर डेटा भेज चुका है. अपने इस मिशन के दौरान पार्कर सूरज से 69 लाख किलोमीटर दूरी तक पहुंचेगा, जो इससे पहले भेजे गए सभी सूर्ययानों के रिकॉर्ड के मुकाबले सात गुना बेहतर होगा यानी सूरज के इतने पास तक कोई स्पेसक्राफ्ट नहीं पहुंच सका है. अधिक जानकारी के लिए दिए गए यूआरएल पर जाएँ... hindi.news18.com
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