Classroom Learning

कोरोना वायरस महामारी

कोरोना वायरस महामारी ने हर किसी को परेशान किया और ये वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है। हालांकि, मौजूदा समय में कई राज्यों में कोरोना के केस कम हो रहे हैं जिसकी वजह से वहां जारी की गई कोरोना की पाबंदियां हटा दी गई है और अब तो ऐसे राज्यों मे स्कूल खोलेने तक का फैसला ले लिया गया है। ऐसे में लंबे समय से वायरस की वजह से घर में कैद बच्चों को घर से बाहर निकलने का मौका मिलेगा, वे अपने दोस्तों से मिलेंगे और सभी उम्मीद कर रहे हैं कि सबकुछ जल्दी पहले जैसा हो जाएगा। लेकिन इसके साथ ही पैरेंट्स को अपने बच्चों की चिंता भी सता रही है, क्योंकि कोरोना वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों को कुछ बातों के बारे में जरूर बताएं, जो बच्चों को कोरोना की चपेट में आने से बचाने में मदद कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं उन बातों के बारे में जो हर माता-पिता को अपने बच्चों को जरूर बतानी चाहिए |

बच्चों को आपने जिस तरह अब तक घर पर हाइजीन के बारे में सिखाया और करवाया है। ठीक वैसे ही उनको बताएं कि स्कूल में इस बात का ध्यान रखें। लंच से पहले और लंच करने के बाद अपने हाथों को सैनिटाइजर और साबुन से साफ जरूर करें, किसी से हाथ मिलाएं, किसी चीज को छूने के बाद, अपनी बैठने वाली जगह को, अपने बैग को आदि सैनिटाइज जरूर करें।


कोरोना महामारी के दौर में देश में स्कूलों के बंद होने से 14 से 18 वर्ष आयुवर्ग के करीब 80 फीसदी बच्चों के सीखने पर असर पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के एक शोध अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। 


अध्ययन में कोरोना काल में स्कूलों के बंद होने के दौरान बच्चों में सीखने के असर का आकलन किया गया , जिसमें ज्यादातर छात्रों और उनके अभिभावकों माता-पिता ने माना कि बच्चों ने महामारी से पहले की तुलना में काफी कम सीखा है।


अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के दौर में स्कूली शिक्षा ऑनलाइन हो गयी। ऑनलाइन कक्षाओं से उन बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ा जिनके अभिभावकों ने स्मार्टफोन की व्यवस्था की थी, लेकिन कम संसाधन वाले बच्चे इस व्यवस्था में पढ़ाई से वंचित हो गये।  यूनिसेफ के मुताबिक सरकारों के महत्वपूर्ण प्रयासों के बावजूद कम कनेक्टिविटी और डिजिटल उपकरणों तक पहुंच होने से दूरस्थ शिक्षा को शुरू करने के प्रयासों में बाधाएं आयी। 

स्कूल कितने बदल चुके हैं और अब पहले जैसा कुछ नहीं रहा. नियम बदल चुके हैं, रिश्ते बदल चुके हैं, क्लास में पढ़ने की पद्धति बदल चुकी है, कोरोना की वजह से स्कूलों में अब ना तो डेस्क शेयर करने वाला कोई साथी है क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है और ना ही बच्चे एक-दूसरे के साथ खाना शेयर कर सकते हैं और ना ही एक दूसरे के साथ कॉपी-किताबें शेयर कर सकते हैं|

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Renuka Purohit is a teacher associated with Gurushala. Any views expressed are personal.

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