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हम शिक्षक वर्षों से कई शिक्षण रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं। कहानियों को पढ़ाना आसान लगता है, लेकिन कहानियों पर आलोचनात्मक रूप से सोचने में छात्रों की मदद करने के लिए सही प्रश्नों का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण है। हाल ही में, मैंने अपने एक सहयोगी के लिए एक शिक्षण रणनीति तैयार की। मैंने इसे यहाँ भी साझा करने का सोचा|
कहानी पठन हेतु कुछ सुझाव
कक्षा - 2 की पुस्तक कलरव
कहानी का शीर्षक - टपका का डर ( पाठ – 05 )
दादी माँ अंदर भात बना रही थीं । चूल्हे पर पानी टपक रहा था टप-टप, टप-टप व । वह झुँझला उठी और बोलीं - मुझे टपका से जितना डर लगता है उतना तो बाघ से भी नहीं ।"बाघ ने सोंचा - यह मुझसे तो नहीं डरतीं, मगर टपका से डरती हैं तब का जरूर मुझसे भी बड़ा कोई जानवर होगा ! बस, यह सोचते ही बाघ घबराया और सिर पर पैर रखकर भागा ।
प्रश्न निर्माण
प्रश्न की श्रेणियां |
प्रश्न |
कहानी सुनाने के पहले |
1. आप लोगों के घर मे छप्पर किसके यहां है ? 2. बच्चों क्या आपने कभी बरसात के साथ ओले पड़ते देखे हैं ? |
के दौरान |
1. बच्चों , बताओ आप लोगों ने ओले कितने कितने बड़े देखे हैं ? 2. अच्छा बताओ , भात किसने किसने खाया है ? 3. भात किस अनाज से बनाया जाता है ? |
कहानी के बाद |
1. बच्चों बताओ दादी माँ क्यों परेशान थीं ? 2. बाघ भाग क्यों गया ? 3. पिताजी की माँ को दादी कहते हैं , आप लोग अपने पिताजी की माँ को क्या कहकर बुलाते हो ? |
About the author
Satya Pal Singh is an Academic Resource Person or a teacher educator in India. Any views expressed are personal.
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