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उत्तर प्रदेश के अनुसंधान संस्थान
उत्तर प्रदेश के अनुसंधान संस्थान
यद्यपि उत्तर प्रदेश को बड़े औद्योगिक प्रदेश के रूप में नहीं माना जाता है फिर भी इस प्रदेश में कई विशिष्ट अनुसन्धान संस्थान मौजूद हैं. जैसे;लखनऊ में मौजूद ‘उत्तर प्रदेश कृषि अनुसन्धान संस्थान’ और ‘केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, मेरठ में मौजूद ‘केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र’ और आगरा में स्थित ‘केंद्रीय कुष्ठ रोग संस्थान’. उत्तर प्रदेश की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में यह पूछा जाता है कि कौन सा अनुसन्धान संस्थान किस जिले में स्थित है। Source: www.jagranjosh.com
Gurushala | 11 Feb 2022
चालुक्य तथा चेर राज्य राजवंश
कल्याणी के चालुक्य तथा चेर राज्य राजवंश
चालुक्य वंश एक भारतीय शाही राजवंश था जिसने 6वीं और 12वीं शताब्दी के बीच दक्षिणी और मध्य भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया। सौराष्ट्र में चालुक्यों के शासन को आभीरों द्वारा समाप्त कर दिया गया था।[1] दसवीं शताब्दी की तीसरी तिमाही। इस अवधि के दौरान, उन्होंने तीन संबंधित अभी तक व्यक्तिगत राजवंशों के रूप में शासन किया। सबसे पहला राजवंश, जिसे "बादामी चालुक्य" के रूप में जाना जाता है, ने 6 वीं शताब्दी के मध्य से वातापी (आधुनिक बादामी) पर शासन किया। बादामी चालुक्यों ने बनवासी के कदंब साम्राज्य के पतन पर अपनी स्वतंत्रता का दावा करना शुरू कर दिया और पुलकेसी द्वितीय के शासनकाल के दौरान तेजी से प्रमुखता से उभरे। पुलकेशी द्वितीय की मृत्यु के बाद, पूर्वी चालुक्य पूर्वी दक्कन में एक स्वतंत्र राज्य बन गया। उन्होंने वेंगी से लगभग 11वीं शताब्दी तक शासन किया। पश्चिमी दक्कन में, 8 वीं शताब्दी के मध्य में राष्ट्रकूटों के उदय ने बादामी के चालुक्यों को उनके वंशजों, पश्चिमी चालुक्यों द्वारा 10 वीं शताब्दी के अंत में पुनर्जीवित करने से पहले ग्रहण किया। इन पश्चिमी चालुक्यों ने 12वीं शताब्दी के अंत तक कल्याणी (आधुनिक बसवकल्याण) से शासन किया। Source: hi.wikipedia.org
Gurushala | 10 Feb 2022
पाण्ड्य तथा चोल साम्राज्य
चोलों का उदय
चोल प्राचीन भारत का एक राजवंश था। दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया।
'चोल' शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है किंतु इनमें से कोई मत ठीक नहीं है। आरंभिक काल से ही चोल शब्द का प्रयोग इसी नाम के राजवंश द्वारा शासित प्रजा और भूभाग के लिए व्यवहृत होता रहा है। संगमयुगीन मणिमेक्लै में चोलों को सूर्यवंशी कहा है। चोलों के अनेक प्रचलित नामों में शेंबियन् भी है। शेंबियन् के आधार पर उन्हें शिबि से उद्भूत सिद्ध करते हैं। 12वीं सदी के अनेक स्थानीय राजवंश अपने को करिकाल से उद्भत कश्यप गोत्रीय बताते हैं। Source: hi.wikipedia.org
Gurushala | 10 Feb 2022
विशेष राज्य का दर्जा क्या है?
विशेष राज्य का दर्जा क्या होता है और यह किसे दिया जाता है?
विशेष राज्य का दर्जा देने की प्रथा 5th pay commission के recommendation पर 1969 में प्रारम्भ की गई थी. शुरुआत में विशेष राज्य का दर्जा तीन राज्यों को दिया गया – असम, नागालैंड और जम्मू कश्मीर. आज कुल 11 राज्यों के पास विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. यदि किसी नए राज्य को विशेष दर्जा मिलता है तो इसका परिणाम यह होगा कि कई अन्य राज्य भी यह दर्जा माँगने लगेंगे. इस प्रकार तो दर्जे की विशेषता ही समाप्त हो जायेगी. आर्थिक रूप से भी यह राज्यों के लिए लाभकारी नहीं रह जाएगा क्योंकि विशेष दर्जे के तहत मिलने वालों लाभों की एक सीमा है. इससे तो अच्छा यह होगा कि विशेष दर्जा के बदले राज्य विशेष पैकेज माँग सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.sansarlochan.in
Gurushala | 09 Feb 2022
गरीबी और शहरीकरण
भारत में शहरी गरीब
भारत में शहरी गरीबी अद्वितीय है तथा यह विशेष पैटर्न के अनुसार प्रभावशील है । यद्यपि पिछले दशकों में शहरी गरीबों के अनुपात में गिरावट आई है, परन्तु संख्या में निरंतर वृद्धि जारी है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव महानगरों के स्लम क्षेत्रो पर पड़ता है। शहरी गरीबी से संबंधित मुद्दे, जैसे कि प्रवासन, श्रम, लिंग की भूमिका, बुनियादी सेवाओं तक पहुंच और भारत की मलिन बस्तियों की भयावह स्थिति हैं जो कि कोरोना काल में बहुत तेजी से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए थे। फिर से एक बार कोरोना के मामलो की बढ़ती संख्या ने इन शहरी गरीबो की स्थिति को सुभेद्य किया है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.dhyeyaias.com
Gurushala | 09 Feb 2022
जनसंख्या विस्फोट
जनसंख्या वृद्धि
जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है। आगे भी इसकी संख्या में बढ़ाव की ही उम्मीद है और ये अंदाजा लगाया गया है कि 2030 के मध्य तक ये आबादी 8.6 अरब हो जाएगी और 2050 तक 9.8 अरब तक हो जाएगी। 2100 तक इसकी आबादी 11.2 अरब तक हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें hi.wikipedia.org
Gurushala | 09 Feb 2022
बेरोजगारी के कारण
बेरोज़गारी क्या है?
जब व्यक्ति धन उपार्जन करना चाहता है और वो इसके लिए काम की तलाश भी करता है लेकिन उसे काम नहीं मिलता है, ऐसे व्यक्तियों को बेरोजगार कहा जाता है, और इस स्थिति को बेरोज़गारी (unemployment) कहा जाता है।
आज बेरोजगारी किसी देश विशेष की समस्या नहीं है, बल्कि ये सभी राष्ट्रों की समस्या है। यहाँ तक कि विकसित देशों में भी कमोबेश बेरोज़गारी दिखायी पड़ती है। हर समय हर देश में एक बड़ी संख्या में अकुशल श्रमिकों के साथ-साथ कुशल व विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त श्रमिक भी बेरोजगार होते है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें wonderhindi.com
Gurushala | 09 Feb 2022
पल्लव तथा राष्ट्रकूट राजवंश
पल्लव राजवंश के इतिहास के साधन
पल्लव काल में संस्कृत तथा तमिल भाषा में अनेक ग्रन्थों की रचना की गयी । संस्कृत ग्रन्थों में ‘अवन्तिसुन्दरीकथा’ तथा ‘मत्तविलासप्रहसन’ का प्रमुख रूप से उल्लेख किया जा सकता है । सोड़ुल कृत ‘अवन्तिसुन्दरीकथा’ से पल्लवनरेश सिंहविष्णु तथा उसके समकालिकों के समय की राजनीतिक तथा सांस्कृतिक घटनाओं का जान प्राप्त होता है ।
इसमें मामल्लपुरम् तथा वहाँ स्थित अनन्तशायी विष्णु की मूर्ति का भी उल्लेख हुआ है । अत्तविलासप्रहसन की रचना पल्लव नरेश महेन्द्रवर्मन् प्रथम ने किया था । इसमें कापालिकों तथा भिक्षुओं पर व्यंग कसा गया है तथा साथ ही साथ पुलिस तथा न्याय विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचारों की ओर भी परोक्षत सकेत हुआ है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.hindilibraryindia.com
Gurushala | 09 Feb 2022
सुनामी
समंंदर के नीचे भारी हलचल
सुनामी लहरों की श्रृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है जो तब उत्पन्न होती हैं जब समुद्र या झील में जल की व्यापक मात्रा तेजी से विस्थापित होती है। सुनामी विशाल पनडुब्बी या तटीय भूकंप, पानी के नीचे भूस्खलन जो भूकम्प या ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण भी हो सकता है, बड़ी तटीय चट्टान या झील के किनारे के भूस्खलन, या समुद्र की तलहटी के नीचे या इसके समीप ज्वालामुखीय उदगार आदि के द्वारा भी उत्पन्न हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें getthru.govt.nz
Gurushala | 01 Feb 2022
लिम्निक विस्फोट
लिम्निक ईरप्शन: ज्वालामुखी विस्फोट का प्रकार
एक लिम्निक विस्फोट, जिसे झील का उलटा भी कहा जाता है , एक दुर्लभ प्रकार की प्राकृतिक आपदा है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) घुल जाता है। अचानक गहरे झील के पानी से फूटता है, जिससे एक गैस बादल बनता है जो वन्यजीवों, पशुओं और मनुष्यों का दम घोंटने में सक्षम होता है। बढ़ते CO2 के रूप में एक लिम्निक विस्फोट से सूनामी भी हो सकती है पानी विस्थापित करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप , ज्वालामुखी गतिविधि और अन्य विस्फोटक घटनाएं लिम्निक विस्फोट के लिए ट्रिगर के रूप में काम कर सकती हैं। जिन झीलों में इस तरह की गतिविधि होती है, उन्हें सीमित रूप से सक्रिय झीलें या विस्फोट करने वाली झीलें कहा जाता है । अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.hmoob.in
Gurushala | 01 Feb 2022
वन्यजीव और जंगल की आग
जंगलों में आग लगने की घटनाएं
हर साल बढ़ते तापमान के कारण जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं. इस साल अब तक 46 बार जंगलों में आग लग चुकी है. जंगल में लगी आग की वजह से जानवर भी अपनी जान बचाने के लिए दूसरे क्षेत्रों की ओर भाग रहे हैं. Source: bnnbharat.com
Gurushala | 01 Feb 2022
टॉरनेडो, साइक्लोन, टाइफून, हरिकेन
उष्णकटिबंधीय चक्रवात
यह एक तूफान प्रणाली है जो एक विशाल निम्न दबाव केंद्र और भारी तड़ित-झंझावातों द्वारा चरितार्थ होती है और जो तीव्र हवाओं और घनघोर वर्षा को उत्पन्न करती है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात की उत्पत्ति तब होती है जब नम हवा के ऊपर उठने से गर्मी पैदा होती है, जिसके फलस्वरूप नम हवा में निहित जलवाष्प का संघनन होता है। वे अन्य चक्रवात आंधियों जैसे नोर'ईस्टर, यूरोपीय आंधियों और ध्रुवीय निम्न की तुलना में विभिन्न ताप तंत्रों द्वारा उत्पादित होते है, अपने "गर्म केंद्र" आंधी प्रणाली के वर्गीकरण की ओर अग्रसर होते हुए. उष्णकटिबंधीय चक्रवात भूमध्य रेखा से 10 डिग्री की दूरी पर शांत कटिबंध में आरंभ होता है। Source: hi.wikipedia.org
Gurushala | 01 Feb 2022
भूस्खलन (Landslides)
भूस्खलन आने के क्या कारण है?
भूस्खलन (landslide) एक भूवैज्ञानिक घटना है। धरातली हलचलों जैसे पत्थर खिसकना या गिरना, पथरीली मिटटी का बहाव, इत्यादि इसके अंतर्गत आते है।
भू-स्खलन कई प्रकार के हो सकते हैं और इसमें चट्टान के छोटे-छोटे पत्थरों के गिरने से लेकर बहुत अधिक मात्रा में चट्टान के टुकड़े और मिटटी का बहाव शामिल हो सकता है तथा इसका विस्तार कई किलोमीटर की दूरी तक हो सकता है। भारी वर्षा तथा बाढ़ या भूकम्प के आने से भू-स्खलन हो सकता है। मानव गतिवधियों, जैसे कि पेड़ों और वनस्पति के हटाने, सड़क किनारे खड़ी चट्टान के काटने या पानी के पाइपों में रिसाव से भी भू-स्खलन हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें hi.wikipedia.org
Gurushala | 31 Jan 2022
भारत में बाढ़
भारत में बाढ़ की प्रलयकारी घटनाएं
2017 बिहार बाढ़ ने उत्तर बिहार के 19 जिलों को प्रभावित किया, जिससे 514 लोगों की मौत हो गई। इस बाढ़ से 1 करोड़ 71 लाख लोग प्रभावित हुए। इस बाढ़ ने मरने वालों की संख्या में पिछले नौ वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बाढ़ से 8.5 लाख लोगों के घर टूट गए थे और करीब 8 लाख एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी।[4] उत्तर बिहार में 700 किलोमीटर स्टेट हाईवे और डेढ़ दर्जन नेशनल हाईवे बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए थे। रोड बर्बाद होने से करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें hi.wikipedia.org
Gurushala | 31 Jan 2022
सूखा के क्या कारण है?
सूखा प्रबंधन
सूखा पानी की आपूर्ति में लंबे समय तक की कमी की एक घटना, चाहे वायुमंडलीय (औसत से नीचे है वर्षा) पानी हो, सतह का पानी हो या भूजल। सूखा महीनों या वर्षों तक रह सकता है, और इसे 15 दिनों के बाद घोषित किया जा सकता है। यह प्रभावित क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि पर काफी प्रभाव डाल सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। उष्ण कटिबंध में वार्षिक शुष्क मौसमों में सूखे के विकास और बाद में होने वाली आग की संभावना में काफी वृद्धि होती है। गर्मी की अवधि जल वाष्प के वाष्पीकरण को तेज करके सूखे की स्थिति को काफी खराब कर सकती है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें thelistacademy.com
Gurushala | 20 Jan 2022
ओलावृष्टि
क्यों गिरते हैं ओले
ओलावृष्टि फसलों और संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। भारत में ओलावृष्टि ज्यादातर मार्च और अप्रैल में होती है। यह अधिकतर मामलों में पूर्वोत्तर और पश्चिमी हिमालय वाले इलाकों को प्रभावित करता है।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, ओलावृष्टि कृषि को भारी नुकसान पहुंचाती है, इससे फसल की उपज में अचानक नुकसान होता है और कई बार बड़े बागों को नुकसान होता है। किसानों को समय पर राहत प्रदान करने के लिए सटीक क्षेत्र आधारित फसल की हानि के मूल्यांकन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.downtoearth.org.in
Gurushala | 20 Jan 2022
शीत लहरें और गर्मी की लहरें
हीट एंड कोल्ड वेव्स
हीट वेव बनाम शीत लहर: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, भारत ने 2020 में 99 दिनों की शीत लहरें दर्ज कीं। साथ ही, रिपोर्ट से पता चला कि 2017-2020 से शीत लहर के दिनों की संख्या में लगभग 2.7 गुना वृद्धि हुई है। 1980-2018 तक, शीत लहरों ने गर्मी की लहरों की तुलना में अधिक भारतीयों की जान ली। यह बताया गया है कि 2017 के बाद से शीत लहर के दिनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, शीत लहरों से जुड़ी मौत के सबसे आम कारणों में कोरोनरी हृदय रोग, सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटनाएं और श्वसन रोग शामिल हैं। आईएमडी ने कहा कि जनवरी 2021 में उत्तर पश्चिम भारत में औसत मासिक न्यूनतम तापमान 2019 और 2020 की तुलना में कम रहा है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें hindiable.com
Gurushala | 20 Jan 2022
बर्फ़ीला तूफ़ान (Blizzard)
शीतकालीन तूफान
बर्फ़ीला तूफ़ान एक प्रकार का सर्दियों का तूफान है जिसकी विशेषता ठंड की बारिश है, जिसे ग्लेज़ इवेंट के रूप में भी जाना जाता है या, संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में, चांदी के पिघलना के रूप में जाना जाता है। यूएस नेशनल वेदर सर्विस एक बर्फीले तूफान को एक तूफान के रूप में परिभाषित करती है जिसके परिणामस्वरूप कम से कम का संचय होता है0.25-इंच (6.4 मि॰मी॰) उजागर सतहों पर बर्फ की. वे आम तौर पर हिंसक तूफान नहीं होते हैं, बल्कि आमतौर पर ठंड से नीचे के तापमान पर होने वाली हल्की बारिश के रूप में माना जाता है।
Gurushala | 18 Jan 2022
हिमस्खलन (Avalanches)
हिमस्खलन क्या है?
हिमस्खलन (avalanche) किसी ढलान वाली सतह पर तेज़ी से हिम के बड़ी मात्रा में होने वाले बहाव को कहते हैं। यह आमतौर पर किसी ऊँचे क्षेत्र में उपस्थित हिमपुंज में अचानक अस्थिरता पैदा होने से आरम्भ होते हैं। शुरु होने के बाद ढलान पर नीचे जाता हुआ हिम गति पकड़ने लगता है और इसमें बर्फ़ की और भी मात्रा शामिल होने लगती है। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें hi.wikipedia.org
Gurushala | 18 Jan 2022