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आएंगी कठिनाइयां जीवन में ,
राह तुम्हारी रोकेंगे पत्थर ,
एक मोड़ आएगा वह ,
जब हार जाओगे , तुमभी थक कर ,
दर्द मिलेगा , यह है जीवन ,
खोया पाया मत तुम सोचो ,
अपने आज को पहले सींचो ,
कीचड़ में तुम कमल की तरह खिलना सीखो |
बीती आती की बातों में समय नष्ट तुम करते क्यों हो ,
गरुड़ पुराण को सोच कर हृदय कष्ट तुम करते क्यों हो,
अपने आप से बात करो, और स्वयं की क्षमता को पहचानो ,
जी लो जीवन जैसा आए , और विषमता को पहचानो ,
अपनी राह स्वयं बना कर उस राह में चलना सीखो ,
कीचड़ में तुम कमल की तरह खिलना सीखो |
डगर कठिन हो , सफर कठिन हो ,
पर, तुम कदम बढ़ाते जाओ,
जो राह तुम्हे लगती हो आसान, उसमे पहले सोचो , फिर जाओ ,
हार नहीं मनो तुम ,
पहले प्यारे कदम बढ़ाओ ,
अपनी राह स्वयं बना कर , उस राह में चलना सीखो ,
कीचड़ में तुम कमल की तरह खिलना सीखो |
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Comments
Excellent topic 👍👏👏
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